Sacred Grove या पवित्र वन क्या होते हैं? क्या है इनका महत्व ? UPSC में कई बार पूछा गया है सवाल।
किसी भी धर्म में कुछ चीज़ों को लेके बहुत ही विशेषता होती है। हिन्दू धर्म की बात करें तो हम पीपल के पेड़ को पूजते हैं । हमारे लिए उसका महत्त्व कुछ अलग ही है । लेकिन चिंता का विषय ये था की भारत के इन् पवित्र वनो का सरंक्षण कैसे किया जाये ? आईये जानते हैं विस्तार में !
क्या होते हैं Sacred Grove ?
Sacred Grove यानि की पवित्र उपवन धार्मिक और सामाजिक आधार पर कुछ समुदाय के लोगों द्वारा सरंक्षित पेड़ पौधों के छोटे छोटे भाग हैं । जिनका धार्मिक तौर पे बहुत महत्व है । रिग वेद जो की चार वेदों में से एक वेद है , उसमें हिन्दू धर्म के अनुसार पेड़ों को पूजने की प्रथा है और ये एक कारण हो सकता है Sacred grove की रचना का ।
Sacred Grove , लोकल लोगों द्वारा सरंक्षित कुछ पेड़ हैं जिनका धार्मिक महत्त्व होता है । यह sacred grove दुनिया के हर कोने में पाए जाते हैं , इसमें भारत देश भी शामिल है । एशिया , अमेरिका , अफ्रीका , यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी यह पाए जाते हैं ।
भारत में इसकी संख्या 1.5 लाख से अधिक है । Sacred groves के सामुदायिक और जगह के अनुसार अलग अलग नाम हैं । जैसे की सिक्किम में गुम्पास , केरला में कवि, राजस्थान में ओरण और तेलंगाना में पवित्र वानलु ।
किन किन चीज़ों से बनता है Sacred Grove?
एक पवित्र उपवन में गावों के देवता के साथ साथ जड़ी बूटियां , पेड़ पौधे होते हैं और ये ज़्यादा तर पानी या किसी नदी के पास होते हैं । पवित्र वनो को प्रकृति पूजा की प्रथा का प्रतीक माना जाता है। और ये काफी हद्द तक प्रकृति सरंक्षण का समर्थन करते हैं । यह उपवन ज़्यादा तर गाँव के समुदाय द्वारा बनाये रखे जाते हैं । ज़्यादा तर ये उपवन शहरी इलाको से दूर गावों में देखे जाते हैं ।
सरकार द्वारा इसमें कोई भी इन्वॉल्वमेंट नहीं दिखाया गया है । बहुत सरे पवित्र उपवन गाँव के समुदायों द्वारा सुरक्षित किये जाते हैं और बहुत सरे तो कुछ परिवारों द्वारा भी बनाये जाते हैं ।
किन नामों से पुकारा जाता है Sacred Grove को ?
- बिहार में सरना
- हिमाचल में देव वन
- कर्नाटक में देवराकडू
- मध्य प्रदेश में देव
- महाराष्ट्र में देवराई
- मणिपुर में ले उमंग
- राजस्थान में ओरण ।
- तमिलनाडु में सर्प काबू ।
क्या है Sacred grove की महानता ?
प्रकृति की सुरक्षा करना हम लोगो का कर्त्तव्य है। पवित्र उपवन द्वारा प्रकृति की सुरक्षा की जाती है । सामाजिक और धार्मिक मान्यता इसके कारण बनी रहती है । Soil Erosion जैसी समस्याएं नहीं होतीं ।
तमिलनाडु में ये उपवन अच्छे स्वास्थय की देवी अम्मान को समर्पित हैं । लोगों का ये मानना है की इन पवित्र उपवनो के साथ भगवान का नाम जुड़ा हुआ है जिसके कारण लोग इसे बहुत अच्छा मानते हैं और प्रकृति के साथ होने वाले दुव्यवहार को होने से रोकते हैं ।
बहुत से लोग रोज़ाना इन पवित्र उपवन को पूजते हैं । सुबह सूर्योदय से पहले और शाम को सूर्यास्त से पहले वह उन्हें पूजते हैं ।
ये सेक्रेड ग्रोव धार्मिक और सामाजिक करने के साथ साथ इस प्रकृति की रक्षा करने की वजह से भी बनते हैं । प्रकृति की रक्षा करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। इन समुदायों को सलाम है जो की अपनी मर्ज़ी से इस काम में भाग ले रहे हैं । और कुछ लोग भी ऐसे हैं जो गाँव-गाँव जाके इन समुदायों के साथ मिलके ये काम में बढ़ावा दे रहे हैं ।
सरकार को भी इस विषय के बारे में सोचते समझते हुए इन समुदायों की मदद करनी चाहिए ताकि हमारे वन , हमारी प्रकृति बची रहे !
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