Prevention of Money laundering act (PMLA ) जो की 2002, में बनाया गया था , वह इस समाये scrutiny( अभी जांच/ देख रेख ) में है। ये act ऐसे ओफ्फेंसेस को भी कवर कर रहा है जिसका इसके motive से कुछ लेना देना नहीं है । PMLA का मेजर काम था पैसे के हेर फेर को रोकना । लेकिन इस कानून ने कुछ ऐसे क्राइम्स को इसमें डाल दिया है जिसका मनी लॉन्डरिंग से कुछ लेना देना नहीं है ।
Prevention of Money laundering act (PMLA ) के तहत :
क्या है Money Laundering ?
Money laundering: money laundering एक illegal तरीका है जिसके द्वारा एक इंसान illegal तरीकों से बहुत ज्यादा पैसा कमाता है.
Money laundering बहुत सारे crime करके भी किया जा सकता है । Criminal activities जैसे कि ड्रग ट्रैफिकिंग , टेररिस्ट फंडिंग , इलीगल आर्म्स सेल्स, स्मगलिंग, प्रोस्टीटूशन रिंग्स, इनसाइडर ट्रेडिंग, घूसखोरी और कंप्यूटर फ्रॉड जो की एक बड़े स्तर पर फायदा दें। ये सारे फ्रॉड एक उच्च स्तर का फायदा प्रदान करते हैं। इस तरीके से बहुत पैसा कमाया जा सकता है ।
Money laundering में कुछ गलत धंधों से पैसा कमाया जाता है और उस black money यानि की काले धन को white money दिखा दिया जाता है जिसका मतलब है पैसे को ऐसे दिखाना जैसे की वह उच्च तरिके से कमाया गया है ।
ये सब रोकने के लिए Prevention of money laundering act( PMLA) लाया गया था । अब सवाल बनता है की इसे रोकने की ज़रूरत क्यों पड़ी ?
तो इसका जवाब है की बड़े अमाउंट पे ये पैसे उतपन्न किये जाते थे, इंटरनेशनल ड्रग ट्रैफिकिंग की वजह से । ये किसी भी देश की अर्थव्यवस्ता को चोट पहुंचा सकते हैं ।
क्या थी Prevention of Money laundering act (PMLA ) बनाने की ज़रूरत ?
इसका मुख्या उद्देश्य था इंटरनेशनल ड्रग ट्रैफिकिंग होने की वजह से देश को होने वाले नुकसान को रोकना ।
ऐसे लगने लगा था की ये दुनिया की अर्थव्यवस्ता को destabilize कर सकता है , काला धन दुनिया की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा सकता था ।
क्यों और कब हुआ Prevention of Money laundering act (PMLA ) शुरू ?
Prevention of Money laundering act (PMLA ) एक कानून के तौर भारत के नए पार्लियामेंट द्वारा 2002 में पास किया गया । अनुच्छेद 253 के तहत यह इंटरनेशनल कन्वेंशंस के लिए कानून बना सकता है । ये एक्ट मनी लॉन्डरिंग की समस्या को सुलझाने की कोशिश करने के लिए बनाया गया है और ये बनाया गया है आर्टिकल 253 और यूनियन लिस्ट की आइटम 13 के तहत ताकि हम ड्रग मनी जैसी समस्या को सुलझा सकें ।
ये एक्ट क्राइम प्रोसेड्स के आस पास घूमता है जहाँ पर पैसे की लॉन्डरिंग की गयी हो। इसमें न सिर्फ ऐसे लोगों पर नज़र रखी जाती है जिन्होंने ब्लैक मनी कमाया हो बल्कि उन् सभी लोगों को देखा जाता है जो कभी न कभी इस प्रोसेस का हिस्सा रहे हों। इस क्राइम को “THE MOST SERIOUS ECONOMIC CRIME ” मन गया है क्यूंकि ये एक देश की इकॉनमी और सोवेरेंगटी को ठेस पहुंचता है ।
इस एक्ट को रेगुलेट करना ED का काम है , लेकिन ED पे इलज़ाम लगाए जा रहे हैं की ED अपना काम सही ढंग से नहीं कर रही है । कहा जा रहा है की ED सर्कार के कहने पर काम कर रहा है और अपना काम एक उच्च ढंग से नहीं क्र रहा है। ऐसे केस में ED को सावधानी बरतनी होगी और अपने काम को उच्च ढंग से पूरा करना होगा ।
मनी लॉन्डरिंग आज हर देश की बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। हम यह कभी पता नहीं कर पाते की हमारे ही घर में , या आस पास कितने इलीगल काम हो रहे होते हैं । हमे वो दिन तो याद ही होंगे जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ नोट बंद किये थे। तब हमे एहसास हुआ था की हमारे देख में कई हज़ारों ऐसे लोग थे जिनके पास काला धन पाया गया था ।
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